Premanand Ji Maharaj on Mahakumbh: महाकुंभ पर क्‍या बोले प्रेमानंद जी महाराज, वीडियो देखें
Premanand Ji Maharaj on Mahakumbh: महाकुंभ पर क्‍या बोले प्रेमानंद जी महाराज, वीडियो देखें
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Premanand Ji Maharaj on Mahakumbh: तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। देश-विदेश के लगभग सभी साधु-संत और सन्यासी इस पावन महाकुंभ में भाग लेने पहुंचे हैं। लेकिन वृंदावन वाले विश्वविख्यात संत प्रेमानंद जी महाराज महाकुंभ में नहीं जा रहे।

महाकुंभ में नहीं जा रहे प्रेमानंद जी महाराज

प्रेमानंद महाराज ने खुद कहा है कि, वह प्रयागराज में महाकुंभ नहीं जाएंगे। इसके पीछे की वजह भी उन्होंने बताई है। उन्होंने कहा कि, वह वृंदावन धाम नहीं छोड़ सकते। धाम से बाहर नहीं जा सकते।

Premanand Ji Maharaj ने कहा कि वह वृंदावन धाम नहीं छोड़ सकते हैं. साथ ही वृंदावन धाम से बाहर नहीं जा सकते हैं. महाराज जी ने कहा कि अब यह बहुत मुश्किल है. अब यह नहीं हो सकता है. अब हमारा नर्क-स्वर्ग और अपवर्ग सब यही हैं.

Premanand Ji Maharaj on Mahakumbh

वृंदावन को छोड़कर अन्य किसी जगह जाने की इच्छा नहीं रही है. अब हमें किसी प्रकार का लाभ और किसी प्रकार की स्वीकृति नहीं चाहिए. किसी प्रकार का परम पद नहीं चाहिए.

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अब हमें कुछ चाहिए तो वो प्रिया-प्रीतम और वृन्दावन हैं. इसके आगे कुछ भी चाह नहीं है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब हमारी पूरी निष्ठा वृंदावन धाम तक है. हम कहीं भी नहीं जाना चाहते हैं.

प्रयागराज पर क्‍या बोले Premanand Ji Maharaj 

Premanand Ji Maharaj on Mahakumbh: प्रेमानंद जी महाराज ने प्रयागराज की महिमा का बखान करते हुए एक चौपाई सुनाई. उन्होंने कहा कि “तीरथपति पुनि देखु प्रयागा। निरखत जन्म कोटि अघ भागा।।”

इस चौपाई का अर्थ हुआ कि तीर्थराज प्रयाग को देखो, जिसके दर्शन मात्र से ही करोड़ों जन्मों के पाप दूर भाग जाते हैं.

प्रयाग कोई साधारण जगह नहीं है, बल्कि प्रयाग तीर्थों का राज यानी तीर्थराज है. कुंभ के दौरान प्रयागराज में करोड़ों साधु-संत वास करते हैं. लेकिन हम जैसे कुछ लोग वहां नहीं जा सकते हैं.

प्रेमानंद जी महाराज ने महाकुंभ पर ये कहा

प्रेमानंद जी महाराज ने कुंभ को लेकर कहा (Premanand Ji Maharaj on Mahakumbh) कि एक समय हमारे जीवन में कुंभ जाना हुआ है. लेकिन अब केवल प्रिया-प्रीतम और वृंदावन ही है. वृंदावन के आगे कोई तीर्थ या कोई पुरी जाने की अब कोई इच्छा नहीं रह गई है.

अब सब कुछ शांत सा हो गया है. ये सब भी भगवान की दी हुई स्तुति ही है. अब इस स्तुति में कोई हलचल नहीं हो सकती है. Premanand Ji Maharaj on Mahakumbh के बारे में स्‍पष्‍ट है कि प्रेमानंद जी महाराज महाकुंभ नहीं जाएंगे।

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