Premanand Ji Maharaj on ganga jal: प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, गंगाजल को घर में लाने से पाप नहीं आते हैं। गंगा नदी को पवित्र माना जाता है और इसमें स्नान करने या इसका जल पीने से पापों का नाश होता है। गंगाजल को घर में रखने से भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता दूर होती है।
गंगा जल को पवित्र स्थान पर रखें
हालांकि, कुछ लोग गंगाजल को घर में लाने से पहले कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि गंगाजल को हमेशा स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखना चाहिए। इसे कभी भी अशुद्ध हाथों से नहीं छूना चाहिए और न ही इसे किसी अपवित्र जगह पर रखना चाहिए।
हाल ही में एक भक्त ने प्रेमानंद जी महाराज से पूछा कि जब वे तीर्थ स्थलों पर जाते हैं, जैसे कि गंगा और यमुना, तो लोग कहते हैं कि हम पाप धोने जा रहे हैं। लेकिन जब हम वहां से गंगाजल लेकर घर आते हैं और उसे छिड़कते हैं, तो क्या हम अनजाने में उन तीर्थस्थलों पर गए लोगों के पाप भी अपने घर ले आते हैं?
Premanand Ji Maharaj क्या बोले
इस सवाल पर Premanand Ji Maharaj को बहुत हंसी आई और उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होता है। गंगा जी को कभी कोई मलिन नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि हम गंगा में अवगाहन करते हैं, गंगा जी को नमस्कार करते हैं तो उनके प्रभाव से हमारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
पाप नष्ट होने का मतलब यह नहीं है की यह पाप गंगा पर चढ़ जाते है। इसका मतलब है कि उन पापों का प्रभाव नष्ट हो जाता है। महाराज जी ने बताया कि ऐसा नहीं होता है कि, गंगा में आपने कमंडल डाला और जल के साथ उसमें पाप भी भर गए।
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि गंगाजल को घर में लाने से पहले कुछ मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे गंगाजल की पवित्रता बनी रहती है और घर में सुख-शांति का वास होता है।
लेकिन, प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) का कहना है कि गंगाजल को घर में लाने से कोई पाप नहीं लगता है। यह एक पवित्र जल है और इसे घर में रखने से हमेशा लाभ ही होता है।
Chanakya Niti: पति की किस्मत बदल देती हैं ऐसी महिलाएं, जानें क्या कहती है चाणक्य नीति?