Black Budget details: इस समय सभी को केंद्रीय बजट 2025 का बेसब्री से इंतजार है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को देश का आम बजट पेश करने वाली हैं।
इस बजट से देश भर में आर्थिक उन्नति को लेकर लोग आशान्वित हैं। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस देश में एक बजट था जिसे ब्लैक बजट (Black Budget) के रूप में जाना जाता है। सचमुच, आपने सही सुना।
ब्लैक बजट क्या है?
यह बजट वित्तीय वर्ष 1973-74 के दौरान पेश किया गया था, उस समय देश एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकट से जूझ रहा था। घाटे के बजट के रूप में इसकी स्थिति के कारण इसे “ब्लैक बजट” नाम मिला।
1973-74 का बजट प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में प्रस्तुत किया गया था, जिसमें यशवंतराव चव्हाण वित्त मंत्री थे। उस समय अर्थव्यवस्था बहुत ख़राब स्थिति में थी।
Black Budget कब पेश हुआ?
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, देश को गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसके अतिरिक्त, 1973 में मानसून विफल हो गया, जिससे सूखा पड़ गया जिससे खाद्यान्न उत्पादन में भारी कमी आ गई। इन कारकों ने सरकार को अपने राजस्व से अधिक खर्च करने के लिए मजबूर किया, जिसके परिणामस्वरूप बजटीय घाटा हुआ।
आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी
वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने बजट पेश करते हुए कहा कि आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि ब्लैक बजट लागू करना जरूरी हो गया है। इसका उद्देश्य राजकोष में महत्वपूर्ण कमी को दूर करना था, जिसके लिए विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में कटौती की आवश्यकता थी।
बजट को ब्लैक (Black Budget) बजट कहा गया क्योंकि यह सरकार के लिए 550 करोड़ रुपये के महत्वपूर्ण घाटे का प्रतिनिधित्व करता था। इसे “काला” कहा जाता है क्योंकि यह ऐसी स्थिति पर प्रकाश डालता है जहां खर्च आय से अधिक हो जाता है। प्रेजेंटेशन के दौरान चव्हाण ने बताया कि देश सूखे और भोजन की कमी के कारण कठिन समय का सामना कर रहा है, जिसके कारण बजट में यह कमी आई है।
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