Personal loan: पर्सनल लोन को जल्दी चुकाने से पहले जानें ये अहम बातें
Personal loan: पर्सनल लोन को जल्दी चुकाने से पहले जानें ये अहम बातें
TimesScope WhatsApp Channel

Personal loan prepayment tips in Hindi: पर्सनल लोन (Personal Loan) जिंदगी की कई जरूरतों को पूरा करने का आसान जरिया है। चाहे घर की मरम्मत हो, मेडिकल इमरजेंसी (Medical Emergency) हो या पुराने कर्ज को निपटाना, यह लोन हर मुश्किल में साथ देता है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की वजह से आज पर्सनल लोन लेना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। लेकिन इसे सही ढंग से मैनेज करना बेहद जरूरी है। कई लोग ब्याज का बोझ कम करने के लिए लोन को समय से पहले चुकाने यानी प्रीपेमेंट (Prepayment) का रास्ता चुनते हैं। मगर ऐसा करने से पहले कुछ जरूरी बातों को समझना बहुत जरूरी है।

Personal loan प्रीपेमेंट क्या होता है?

जब कोई व्यक्ति अपने Personal loan की पूरी राशि या उसका कुछ हिस्सा तय समय से पहले चुका देता है, तो इसे पर्सनल लोन प्रीपेमेंट कहते हैं। लोग अक्सर ब्याज बचाने, क्रेडिट लाइन को खाली करने या एक्स्ट्रा पैसे होने पर कर्ज से जल्दी आजादी पाने के लिए ऐसा करते हैं। इसके फायदे साफ हैं, लेकिन प्रीपेमेंट से जुड़े नियम और चार्ज को समझना भी उतना ही जरूरी है।

लोन जल्दी चुकाने के फायदे

  • ब्याज में राहत: पर्सनल लोन पर ब्याज दर (Interest Rate) होम लोन या कार लोन से ज्यादा होती है। जल्दी चुकाने से ब्याज की कुल रकम में अच्छी-खासी बचत हो सकती है।
  • बेहतर क्रेडिट स्कोर: समय से पहले लोन चुकाने से आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) मजबूत हो सकता है, जिससे भविष्य में लोन लेना आसान हो जाता है।
  • EMI से आजादी: कर्ज खत्म होने पर हर महीने की EMI से छुटकारा मिलता है, जिससे आपका बजट हल्का रहता है।

प्रीपेमेंट पर लगने वाले चार्ज

कई बैंक और फाइनेंशियल संस्थान Personal loan प्रीपेमेंट पर कुछ चार्ज वसूलते हैं। यह चार्ज लोन एग्रीमेंट (Loan Agreement) के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर यह प्रीपेमेंट की राशि या बचे हुए प्रिंसिपल का 2-7% तक हो सकता है। कुछ जगहों पर यह शुल्क शून्य भी होता है। इसलिए लोन के कागजात को ध्यान से पढ़कर फैसला लेना चाहिए।

कब है प्रीपेमेंट सही विकल्प?

  • ज्यादा ब्याज दर हो: अगर Personal loan का इंटरेस्ट रेट बहुत ऊंचा है, तो जल्दी चुकाने से ब्याज की बचत होगी।
  • एक्स्ट्रा कमाई हो: बोनस या अतिरिक्त आय मिलने पर लोन चुकाकर EMI का बोझ कम किया जा सकता है।
  • नए लक्ष्य हों: घर खरीदने या बिजनेस शुरू करने जैसे सपनों के लिए पुराने कर्ज से छुटकारा फायदेमंद हो सकता है।

प्रीपेमेंट से पहले इन बातों का रखें ध्यान

  • चार्ज का हिसाब करें: प्रीपेमेंट से कितनी बचत होगी और चार्ज कितना लगेगा, इसका आकलन करें। अगर बचत चार्ज से ज्यादा है, तो यह सही कदम हो सकता है।
  • लॉक-इन पीरियड चेक करें: कुछ बैंकों में लोन लेने के बाद 6 महीने से 1 साल तक प्रीपेमेंट की अनुमति नहीं होती। इसे पहले देख लें।
  • इमरजेंसी फंड रखें: सारी सेविंग लोन में न झोंक दें। अचानक जरूरत पड़ने पर हाथ में नकदी रहनी चाहिए।
  • निवेश का विकल्प तलाशें: अगर पैसा लगाकर लोन के ब्याज से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है, तो निवेश बेहतर हो सकता है।

प्रीपेमेंट का सही तरीका

अगर आपने पर्सनल लोन प्रीपेमेंट का मन बना लिया है, तो इन स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. लेंडर से बात करें: बैंक से प्रीपेमेंट की प्रक्रिया और चार्ज की जानकारी लें।
  2. एग्रीमेंट जांचें: लोन के नियम-शर्तों को दोबारा पढ़ें और पालन करें।
  3. पेमेंट करें: बैंक के बताए तरीके से राशि जमा करें और लोन बैलेंस अपडेट होने की पुष्टि लें।

पर्सनल लोन कहां से लें?

आजकल कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तेजी से पर्सनल लोन मुहैया कराते हैं। अपनी जरूरत और शर्तों के आधार पर सही विकल्प चुनें।

पर्सनल लोन (Personal loan) को जल्दी चुकाने का फैसला सोच-समझकर लें। ब्याज की बचत, चार्ज, लॉक-इन पीरियड और अपनी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखें। सही रणनीति के साथ प्रीपेमेंट आपको फाइनेंशियल आजादी (Financial Freedom) की राह पर ले जा सकता है।

New Tax Rule 2025: पार्टनरशिप फर्मों को पार्टनर्स के पेमेंट पर काटना होगा TDS, 1 अप्रैल से लागू होगा नियम