UAE Sheikh Tahnoon Bin Zayed Will Own Haldiram: भारत का हर घर हल्दीराम की नमकीन, गुजिया और सोन पापड़ी का दीवाना है। ईद की सेवइयां हो या दिवाली की मिठाई, यह ब्रांड हर त्योहार का साथी है। अब इस देसी स्नैक कंपनी को एक नया मालिक मिलने जा रहा है संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का शेख ताहनून बिन जायद। वही शेख, जिसने 2022 के हिंडनबर्ग संकट में गौतम अडानी की मदद की थी, अब हल्दीराम में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है। क्या यह डील हल्दीराम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी? आइए जानते हैं।
शेख ताहनून: अडानी के संकटमोचक से हल्दीराम के बॉस तक
शेख ताहनून बिन जायद कोई साधारण नाम नहीं। UAE के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर और 1.5 ट्रिलियन डॉलर के बिजनेस साम्राज्य के मालिक, उन्होंने हिंडनबर्ग संकट के दौरान अडानी को 2 अरब डॉलर की मदद देकर सुर्खियां बटोरी थीं। अब उनकी नजर हल्दीराम पर है। उनकी कंपनी चिमेरा कैपिटल ने अल्फा वेव ग्लोबल के फंड में पैसा लगाया है, जो हल्दीराम स्नैक्स फूड में 6% हिस्सेदारी खरीदने की राह पर है। यह डील करीब 5,160 करोड़ रुपये (60 करोड़ डॉलर) की हो सकती है, जो भारत की स्नैक इंडस्ट्री में अब तक की सबसे बड़ी डील्स में से एक होगी।
Haldiram की ग्लोबल अपील और सिंगापुर का निवेश
हल्दीराम सिर्फ भारत का नहीं, बल्कि दुनिया का चहेता ब्रांड है। आसियान देशों और खाड़ी मुल्कों में इसकी नमकीन और मिठाइयों की धूम है। यही वजह है कि विदेशी निवेशक इसकी तरफ खिंचे चले आ रहे हैं। हाल ही में सिंगापुर की कंपनी टेमासेक ने हल्दीराम में 9% हिस्सेदारी खरीदी। मार्च 2025 की शुरुआत में हुई इस डील के बाद अग्रवाल परिवार को अपनी 15% शेयरहोल्डिंग कम करनी पड़ी। टेमासेक को बोर्ड में जगह मिल सकती है, जबकि अल्फा वेव बोर्ड से बाहर रहने का प्लान बना रही है। यह दिखाता है कि हल्दीराम की वैश्विक मांग कितनी बढ़ रही है।
डील का मतलब: हल्दीराम के लिए नया चैप्टर
शेख ताहनून की एंट्री और टेमासेक का निवेश हल्दीराम के लिए बड़े बदलाव का संकेत है। अल्फा वेव वही कंपनी है, जिसने एलन मस्क की स्पेसएक्स को फंड किया था। अब यह हल्दीराम को नई ऊर्जा दे सकती है। 5,160 करोड़ का यह निवेश न सिर्फ कंपनी की वैल्यू को बढ़ाएगा, बल्कि इसके विस्तार को भी रफ्तार देगा। अग्रवाल परिवार के लिए यह एक मौका है कि वे अपने ब्रांड को ग्लोबल मार्केट में और मजबूत करें। भारत की स्नैक इंडस्ट्री में यह डील एक मिसाल बन सकती है।
अगर आप हल्दीराम के फैन हैं, तो यह खबर आपके लिए रोमांचक है। यह डील न सिर्फ ब्रांड की ताकत दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि देसी कंपनियां अब विदेशी निवेशकों की पसंद बन रही हैं। अगली बार जब आप हल्दीराम की भुजिया खाएं, तो याद रखें इसमें अब UAE के शेख और सिंगापुर की ताकत भी शामिल है। यह भारत के बिजनेस की नई कहानी है, जो आपको गर्व महसूस कराएगी।