Airtel 2Africa Pearls cable in india news: भारत में डिजिटल क्रांति की रफ्तार अब और तेज होने वाली है। भारती एयरटेल ने एक ऐसी तकनीक देश में लाने का ऐलान किया है, जो इंटरनेट की दुनिया को नए आयाम देगी। नाम है 2अफ्रीका पर्ल्स केबल। यह समुद्र के नीचे बिछने वाली एक ऐसी केबल है, जो भारत को अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप से जोड़ेगी। कल्पना कीजिए, एक सेकंड में 100,000 जीबी डेटा ट्रांसफर करने की ताकत! यह तकनीक न सिर्फ इंटरनेट की स्पीड बढ़ाएगी, बल्कि भारत को ग्लोबल डिजिटल हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
Airtel 2Africa Pearls cable: क्या है 2अफ्रीका पर्ल्स का कमाल?
2अफ्रीका पर्ल्स केबल कोई साधारण प्रोजेक्ट (Airtel 2Africa Pearls cable) नहीं है। यह 100 टेराबिट प्रति सेकंड (टीबीपीएस) की जबरदस्त क्षमता के साथ भारत में इंटरनेट की रीढ़ बनेगी। एयरटेल इस प्रोजेक्ट में लैंडिंग पार्टनर है और इसके लिए मेटा और सेंटर3 जैसे दिग्गजों के साथ साझेदारी की है। इस केबल का फैलाव 45,000 किलोमीटर से भी ज्यादा होगा, जो इसे दुनिया का सबसे लंबा सब-सी केबल सिस्टम बना देगा। यह नेटवर्क एशिया, अफ्रीका और यूरोप को आपस में जोड़ेगा, जिससे डेटा ट्रांसफर की स्पीड और विश्वसनीयता में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
एयरटेल बिजनेस के निदेशक और सीईओ शरत सिन्हा का कहना है, “हम इस प्रोजेक्ट को भारत में लाकर बेहद उत्साहित हैं। यह हमारी उस प्रतिबद्धता को दिखाता है, जो ग्राहकों को तेज, भरोसेमंद और भविष्य के लिए तैयार नेटवर्क देने के लिए है।” उन्होंने आगे बताया कि कंपनी हाल ही में मुंबई और चेन्नई में एसईए-एमई-डब्ल्यूई-6 केबल को भी लैंड करा चुकी है, जिससे ग्लोबल कनेक्टिविटी और मजबूत हुई है।
भारत का ग्लोबल नेटवर्क में दमदार कदम
Airtel 2Africa Pearls cable: एयरटेल का ग्लोबल नेटवर्क पहले से ही 50 देशों और पांच महाद्वीपों में 400,000 रूट किलोमीटर तक फैला हुआ है। कंपनी ने 34 बड़े केबल सिस्टम्स में निवेश किया है, जिनमें 2अफ्रीका, एसजेसी2, इक्वियानो, ईआईजी और आईएमईडब्ल्यूई जैसे नाम शामिल हैं। भारत पहले से ही वैश्विक सब-सी नेटवर्क का अहम हिस्सा है। मुंबई, चेन्नई, कोचीन जैसे शहरों में 14 लैंडिंग स्टेशन मौजूद हैं, जो 17 अंतरराष्ट्रीय केबलों को जोड़ते हैं। एयरटेल और टाटा कम्युनिकेशंस जैसी कंपनियां इस इंफ्रास्ट्रक्चर को संभाल रही हैं, जिससे देश की डिजिटल ताकत और बढ़ रही है।
मोबाइल यूजर्स के लिए खुशखबरी
आज के दौर में ज्यादातर लोग मोबाइल पर इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं। 2अफ्रीका पर्ल्स केबल के आने से नेटवर्क की स्पीड और क्वालिटी में जो सुधार होगा, उसका सीधा फायदा मोबाइल यूजर्स को मिलेगा। चाहे वीडियो स्ट्रीमिंग हो, ऑनलाइन गेमिंग हो या फिर वर्क फ्रॉम होम, हर काम बिना रुकावट के आसानी से हो सकेगा। यह तकनीक न सिर्फ तेजी लाएगी, बल्कि नेटवर्क की स्थिरता को भी सुनिश्चित करेगी।
भारत की डिजिटल महत्वाकांक्षा को नई उड़ान
यह प्रोजेक्ट (Airtel 2Africa Pearls cable) भारत को डिजिटल दुनिया में एक सुपरपावर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। मेटा ने भी हाल ही में ‘प्रोजेक्ट वॉटरवर्थ’ की घोषणा की है, जो 50,000 किलोमीटर की एक और अंडर-सी केबल पहल है। यह भारत को अमेरिका, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका से जोड़ेगी। इन सबके साथ भारत का ग्लोबल डिजिटल नेटवर्क में योगदान और मजबूत होगा। एयरटेल का यह कदम न सिर्फ तकनीकी उन्नति का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब डिजिटल युग में पीछे नहीं रहने वाला।
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