Ghibli का मतलब, जापानी एनीमेशन की जादुई दुनिया का रहस्य
Ghibli का मतलब, जापानी एनीमेशन की जादुई दुनिया का रहस्य
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Ghibli kya hai Ghibli meaning in Hindi Hayao Miyazaki kon haiक्या आपने कभी सोचा कि “घिबली” शब्द सुनते ही आपके दिमाग में जादुई कहानियां और खूबसूरत एनिमेशन क्यों तैरने लगते हैं? आजकल सोशल मीडिया पर घिबली स्टाइल की तस्वीरें ट्रेंड कर रही हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह नाम कहां से आया और इसे चैटजीपीटी से भी पहले दुनिया में किसने मशहूर किया? घिबली कोई साधारण नाम नहीं, बल्कि एक ऐसी हवा है जो जापानी एनीमेशन की दुनिया को नई दिशा दे गई। आइए, इसकी कहानी को करीब से जानते हैं।

Ghibli: घिबली शब्द का असली अर्थ क्या है?

“घिबली” शब्द सुनने में जितना अनोखा लगता है, इसका मतलब भी उतना ही दिलचस्प है। यह अरबी मूल का एक शब्द है, जिसे “सिरोको” भी कहते हैं यानी सहारा रेगिस्तान की तेज, गर्म और शुष्क हवाएं। स्टूडियो घिबली के संस्थापकों ने इस नाम को इसलिए चुना, क्योंकि वे जापान में एनीमेशन की दुनिया में एक ताजा और क्रांतिकारी बदलाव लाना चाहते थे। जैसे ये हवाएं अपने रास्ते में सब कुछ बदल देती हैं, वैसे ही घिबली ने एनीमेशन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। यह नाम क्रिएटिविटी और शक्ति का प्रतीक बन गया।

स्टूडियो घिबली की शुरुआत: एक सपने का जन्म

1985 में जापान में दो मशहूर फिल्म निर्देशकों, हयाओ मियाजाकी और इसाओ ताकाहाता ने मिलकर स्टूडियो घिबली की नींव रखी। उनका मकसद था ऐसी फिल्में बनाना जो न सिर्फ देखने में शानदार हों, बल्कि दिल को छू जाएं और गहरे संदेश दें। इस स्टूडियो ने अपनी अनोखी कहानियों और खूबसूरत विजुअल्स से न केवल जापान, बल्कि पूरी दुनिया में एनीमेशन के क्षेत्र में तहलका मचा दिया। यह वो दौर था जब चैटजीपीटी जैसी तकनीक का नामोनिशान नहीं था, लेकिन घिबली ने अपनी कला से सबको हैरान कर दिया।

हयाओ मियाजाकी: घिबली का जादूगर

हयाओ मियाजाकी को स्टूडियो घिबली का दिल कहा जाता है। उनकी फिल्में जैसे स्पिरिटेड अवे, माय नेबर टोटोरो और प्रिंसेस मोनोनोके ने एनीमेशन को एक नया आयाम दिया। मियाजाकी की कहानियां जादुई दुनिया, मजबूत महिला किरदार और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता से भरी होती हैं। उनकी हर फिल्म में एक ऐसा भावनात्मक जुड़ाव होता है जो दर्शकों को लंबे समय तक याद रहता है। यही वजह है कि वे आज भी एनीमेशन की दुनिया के बादशाह माने जाते हैं।

घिबली की मशहूर फिल्में: कहानियों का खजाना

स्टूडियो घिबली की फिल्में बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर किसी के दिल में जगह बना लेती हैं। 1988 में आई माय नेबर टोटोरो दो बहनों और उनके प्यारे दोस्त टोटोरो की कहानी है, जो आज घिबली का प्रतीक बन चुका है। इसके बाद 2001 में स्पिरिटेड अवे ने दुनिया भर में धूम मचाई और ऑस्कर तक जीता। 1997 की प्रिंसेस मोनोनोके और 2004 की हाउल्स मूविंग कैसल भी दर्शकों की फेवरेट बनीं। ये फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि जिंदगी के सबक भी सिखाती हैं।