Haldiram News Temasek To Alpha Wave IHC Will Be New Partner: भारत में नमकीन और मिठाई का पर्याय बन चुका हल्दीराम अब नए हाथों में जाने को तैयार है। पिछले कई दिनों से इसके नए मालिकों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं थीं, लेकिन अब खुद हल्दीराम ने साफ कर दिया है कि उसकी बागडोर कौन संभालेगा। दिवाली की सोनपापड़ी हो या शादी की बातचीत के दौरान चाय के साथ परोसी जाने वाली नमकीन, हल्दीराम का नाम हर भारतीय के दिल और जुबान पर है। तो आइए, जानते हैं कि इस देसी ब्रांड की नई कहानी क्या है और इसके पीछे कौन-कौन से बड़े खिलाड़ी हैं।
हल्दीराम की शुरुआत: एक छोटी दुकान से ग्लोबल ब्रांड तक
करीब 100 साल पहले, 1937 में राजस्थान के बीकानेर में गंगा बिशन अग्रवाल ने एक छोटी-सी दुकान से हल्दीराम की नींव रखी थी। वक्त के साथ यह परिवार बढ़ा और इस ब्रांड से अलग-अलग हिस्से निकलकर ‘बीकाजी’ और ‘प्रभुजी’ जैसे नामों में तब्दील हो गए। आज दिल्ली और नागपुर की साझा कंपनी ‘हल्दीराम स्नैक्स फूड’ देश की सबसे बड़ी स्नैक कंपनियों में शुमार है। अब इस देसी कंपनी में विदेशी निवेशकों की नजर पड़ी है, जो इसे नई ऊंचाइयों तक ले जाने को तैयार हैं।
नए मालिकों का ऐलान: सिंगापुर से UAE तक का साथ
हल्दीराम ने सोमवार को बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि सिंगापुर की टेमासेक के बाद अब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की दो बड़ी कंपनियां अल्फा वेव ग्लोबल और इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) भी इसके मालिक बनने जा रही हैं। टेमासेक ने हाल ही में 10% हिस्सेदारी खरीदी, जिससे कंपनी की वैल्यू 86,000 करोड़ रुपये आंकी गई। वहीं, खबरों की मानें तो अल्फा वेव ग्लोबल 5600 करोड़ रुपये में 6% हिस्सा ले सकती है, और IHC के पास 2-4% हिस्सेदारी जा सकती है। हालांकि, हल्दीराम ने सौदे की रकम को लेकर चुप्पी साध रखी है।
Haldiram News: विदेशी निवेश से क्या बदलेगा?
हल्दीराम का कहना है कि टेमासेक, अल्फा वेव ग्लोबल और IHC जैसे बड़े निवेशकों का साथ मिलने से कंपनी की वित्तीय ताकत बढ़ेगी। यह न सिर्फ भारत में बल्कि अमेरिका और मिडिल ईस्ट जैसे बड़े बाजारों में भी अपनी पहुंच मजबूत कर सकेगी। ये निवेशक न केवल पैसा ला रहे हैं, बल्कि अपने अनुभव और ग्लोबल नेटवर्क से हल्दीराम को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेंगे। यानी अब आपकी पसंदीदा भुजिया और रसगुल्ले जल्द ही विदेशी मेजों पर भी छा सकते हैं!
हल्दीराम का जलवा: देसी स्वाद की ग्लोबल पहचान
हल्दीराम आज सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि भारतीय स्वाद की पहचान है। बीकानेर की छोटी दुकान से शुरू हुआ यह सफर अब 80 से ज्यादा देशों तक पहुंच चुका है। नए निवेशकों के साथ यह कंपनी और बड़े सपने देख रही है। चाहे बात प्रतिस्पर्धा में आगे रहने की हो या नए बाजारों में कदम रखने की, हल्दीराम अब ग्लोबल लेवल पर अपनी धाक जमाने को तैयार है। तो अगली बार जब आप हल्दीराम की नमकीन खाएं, तो याद रखें यह स्वाद अब दुनिया भर में छाने वाला है।