Nasa Study on Mice into Space detail news in Hindi: अंतरिक्ष की दुनिया हमेशा से रहस्यों से भरी रही है। हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक चूहे को अंतरिक्ष में भेजकर ऐसा प्रयोग किया, जिसके नतीजे हर किसी को हैरान कर गए। यह रिसर्च जीरो ग्रैविटी में हड्डियों पर पड़ने वाले असर को समझने के लिए थी। सुनीता विलियम्स जैसे अंतरिक्ष यात्रियों के लंबे मिशन के बाद शरीर पर प्रभाव देखे गए थे, लेकिन इस बार चूहे ने बताया कि अंतरिक्ष में हड्डियों की कहानी क्या है। आइए, इस रोमांचक स्टडी की 5 बड़ी बातों को आसान और दिलचस्प अंदाज में जानते हैं।
Nasa Study on Mice: हड्डियों पर क्यों फोकस?
अंतरिक्ष में जीरो ग्रैविटी का असर शरीर के हर हिस्से पर पड़ता है, लेकिन नासा को हड्डियों की सेहत सबसे ज्यादा समझनी थी। इसके लिए एक चूहे को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा गया। वहां पता चला कि हड्डियां सचमुच प्रभावित होती हैं, लेकिन हर हड्डी पर असर एक जैसा नहीं। यह सवाल हर किसी के मन में था कि अंतरिक्ष में हड्डियां कमजोर क्यों हो जाती हैं, और नासा ने इसका जवाब ढूंढ निकाला।
पैर कमजोर, पीठ मजबूत
रिसर्च का सबसे हैरान करने वाला नतीजा यह था कि चूहे की पैरों की हड्डियां कमजोर हो गईं। उनकी डेंसिटी घटी और ताकत कम हुई। लेकिन पीठ की हड्डियों यानी स्पाइन पर कोई असर नहीं दिखा। यह अंतर बताता है कि जीरो ग्रैविटी हर हिस्से को अलग-अलग प्रभावित करती है। पैरों की हड्डियों में समय से पहले बुढ़ापा आ गया, जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चिंता की बात हो सकती है।
हड्डियों का तेज नुकसान
नासा की स्टडी से पता चला कि अंतरिक्ष में हड्डियों का क्षय पृथ्वी की तुलना में 10 गुना तेज होता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसा है, लेकिन बहुत तेज। छह महीने के मिशन में अंतरिक्ष यात्री अपनी हड्डियों की 10% डेंसिटी खो सकते हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। चूहे की हड्डियों ने इस सच को सामने लाकर भविष्य के मिशनों के लिए अलर्ट कर दिया।
एक्टिविटी से फर्क
नासा ने चूहे के लिए स्पेस स्टेशन में 3डी वायर सतह बनाई, ताकि वह चढ़ सके और हिल-डुल सके। कुछ चूहों को पिंजरों में बंद रखा गया। नतीजा? जो चूहे हिलते-डुलते रहे, उनकी हड्डियों में कम नुकसान हुआ। बंद चूहों की हड्डियां ज्यादा कमजोर हुईं। यह साबित करता है कि अंतरिक्ष में व्यायाम कितना जरूरी है। नासा अब अंतरिक्ष यान में बेहतर एक्सरसाइज टूल्स पर काम करेगा।
भविष्य के मिशन की राह
यह रिसर्च सिर्फ चूहे की कहानी नहीं, बल्कि मंगल जैसे लंबे मिशनों की तैयारी है। स्टडी से साफ हुआ कि हड्डियों का नुकसान विकिरण से नहीं, बल्कि जीरो ग्रैविटी से होता है। रीढ़ की हड्डियों का ठीक रहना इसकी पुष्टि करता है। अब नासा अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत को प्राथमिकता देगा। आप क्या सोचते हैं, क्या अंतरिक्ष में हड्डियों को बचाना मुमकिन है? हमें बताएं और इस खबर को शेयर करें।