NEET 2025: परीक्षा पैटर्न में बदलाव और समय में कटौती, क्या होगा टॉपर्स और स्कोर पर असर?
NEET 2025: परीक्षा पैटर्न में बदलाव और समय में कटौती, क्या होगा टॉपर्स और स्कोर पर असर?
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NEET 2025 Exam Pattern Change: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG 2025) की तैयारी में जुटे छात्रों के लिए अब सिर्फ एक महीने से थोड़ा ज्यादा वक्त बचा है। नीट 2025 परीक्षा इस बार 4 मई को होने जा रही है।

देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा में इस साल कुछ अहम बदलाव किए गए हैं, जो छात्रों की तैयारी और प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं। खास तौर पर नीट 2025 पेपर पैटर्न में ऑप्शन बेस्ड सवालों को हटाने और परीक्षा समय में 20 मिनट की कटौती जैसे बदलाव शामिल हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि ये बदलाव नीट टॉपर्स की संख्या और कुल स्कोर पर असर डाल सकते हैं। आइए, इन बदलावों को विस्तार से समझते हैं।

NEET 2025 का नया पैटर्न: ऑप्शन खत्म, चुनौती बढ़ी

इस साल नीट 2025 में सबसे बड़ा बदलाव पेपर पैटर्न को लेकर है। आधिकारिक सूचना के मुताबिक, ऑप्शन बेस्ड सवालों की व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। पहले नीट-यूजी में हर विषय को दो हिस्सों- पार्ट ए और पार्ट बी में बांटा जाता था।

पार्ट ए में 35 सवाल अनिवार्य थे, जबकि पार्ट बी में 15 सवालों में से 10 चुनने की छूट थी। यह व्यवस्था कोविड-19 के दौरान शुरू हुई थी, जिससे छात्रों को आसानी होती थी। लेकिन अब पार्ट बी को हटा दिया गया है। यानी अब छात्रों को सभी सवाल हल करने होंगे। इससे निगेटिव मार्किंग का खतरा बढ़ेगा और गलतियां स्कोर को प्रभावित कर सकती हैं।

सवालों की संख्या में कमी

नीट 2025 में सवालों की कुल संख्या भी 200 से घटाकर 180 कर दी गई है। इसमें भौतिकी (Physics) और रसायन विज्ञान (Chemistry) से 45-45 सवाल होंगे, जबकि जीव विज्ञान (Biology) से बॉटनी और जूलॉजी मिलाकर 90 सवाल पूछे जाएंगे। ऐसे में छात्रों को बायोलॉजी पर मजबूत पकड़ के साथ-साथ फिजिक्स और केमिस्ट्री की तैयारी भी पुख्ता करनी होगी। कम सवालों के बावजूद समय प्रबंधन अहम रहेगा।

20 मिनट कम समय, दबाव बढ़ा

नीट-यूजी 2025 में एक और बड़ा बदलाव परीक्षा समय को लेकर है। पिछले पांच सालों से छात्रों को 3 घंटे 20 मिनट (200 मिनट) मिलते थे, लेकिन इस बार समय घटाकर 3 घंटे (180 मिनट) कर दिया गया है। यानी हर सवाल के लिए औसतन एक मिनट मिलेगा। समय की कमी से छात्रों पर सही जवाब देने और पेपर पूरा करने का दबाव बढ़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे समय प्रबंधन (Time Management) इस परीक्षा की सफलता की कुंजी होगा।

टॉपर्स और कट-ऑफ पर क्या होगा असर?

इन बदलावों को देखते हुए विशेषज्ञों का अनुमान है कि नीट 2025 की कट-ऑफ (Cut-off) पिछले सालों की तुलना में कम हो सकती है। साथ ही परफेक्ट स्कोर (Perfect Score) हासिल करने वाले छात्रों की संख्या भी घट सकती है। हालांकि कुछ बेहद प्रतिभाशाली छात्र सभी सवालों को सही हल कर सकते हैं, लेकिन ज्यादातर के लिए कम समय और बढ़ी कठिनाई चुनौती बन सकती है।

नीट-यूजी में परफेक्ट स्कोर का इतिहास

पिछले रिकॉर्ड बताते हैं कि नीट-यूजी में परफेक्ट स्कोर हासिल करने वालों की संख्या में काफी बदलाव देखा गया है। मिसाल के तौर पर, 2024 में पहले 67 छात्रों ने 720 में से 720 अंक हासिल किए थे, लेकिन फिजिक्स की उत्तर कुंजी में बदलाव के बाद यह संख्या 17 रह गई।

इनमें राजस्थान से 4, महाराष्ट्र से 3, दिल्ली और यूपी से 2-2 टॉपर्स थे। अब तक कुल 24 छात्रों ने नीट में परफेक्ट स्कोर बनाया है, जिसमें 2024 के 17 और 2020-2023 के 7 शामिल हैं। सबसे पहले 2020 में ओडिशा के शोएब आफताब और दिल्ली की आकांक्षा सिंह ने यह कीर्तिमान रचा था। दोनों के अंक बराबर थे, लेकिन उम्र के आधार पर शोएब को पहली रैंक मिली।

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