Chaitra Navratri 2025 date tithi do these auspicious work during Kharmas: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है। हर साल ये पर्व भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि 2025 में खरमास का प्रभाव रहेगा, जिसके चलते शुरुआती दिनों में शुभ कार्यों पर रोक रहेगी। आइए जानते हैं कि इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
Chaitra Navratri 2025 का महत्व और खरमास का असर
चैत्र नवरात्रि हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। भक्त माता रानी से आशीर्वाद पाने के लिए व्रत और पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस समय मां धरती पर आती हैं और अपने भक्तों की परेशानियां दूर करती हैं। लेकिन इस बार 30 मार्च से शुरू होने वाली चैत्र नवरात्रि पर खरमास का साया रहेगा। इसका मतलब है कि पहले 5 दिन तक कोई भी शुभ काम करना वर्जित होगा।
चैत्र नवरात्रि 2025 की तारीखें
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से शुरू होगी और 6 अप्रैल 2025 तक चलेगी। लेकिन खरमास 14 मार्च से शुरू होकर 13 अप्रैल तक रहेगा। यानी नवरात्रि के पहले पांच दिन शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं होंगे। इस दौरान शादी, सगाई, गृह प्रवेश या नया व्यवसाय शुरू करने जैसे कामों से बचना चाहिए।
खरमास में क्या न करें?
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, खरमास (Kharmas) में मांगलिक कार्यों से परहेज करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस समय किए गए शुभ काम सफलता नहीं देते। शादी-विवाह, नया घर लेना, गाड़ी खरीदना या बिजनेस शुरू करना टाल दें। साथ ही, मांसाहार और शराब से भी दूर रहें। ये नियम पालन करने से नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है।
खरमास खत्म होने का समय
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, 13 अप्रैल को सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास (Kharmas) का अंत हो जाएगा। इसके बाद फिर से शुभ और मांगलिक कार्य शुरू किए जा सकेंगे।
खरमास में करें ये शुभ काम
खरमास में भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा फलदायी मानी जाती है। रोजाना सूर्य को जल चढ़ाएं और ‘ॐ घृणिः सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें। अगर संभव हो तो लाल चंदन की माला से 108 बार इस मंत्र का उच्चारण करें। इससे जीवन में सकारात्मकता और शांति बढ़ती है।
चैत्र नवरात्रि 2025 में खरमास का प्रभाव रहेगा, लेकिन सही जानकारी और सावधानी से आप इस समय का सदुपयोग कर सकते हैं। पूजा-पाठ और मंत्र जाप से मां दुर्गा और सूर्य देव का आशीर्वाद पाएं।
नोट: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और पंचांग पर आधारित है। किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।
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