Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज से जानिए कैसी हो बच्चों की दिनचर्या?
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज से जानिए कैसी हो बच्चों की दिनचर्या?
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Premanand Ji Maharaj on kids routine: प्रेमानंद जी महाराज का कहना है की एक व्यवस्थित दिनचर्या बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। प्रेमानंद जी ने बच्चों की दिनचर्या को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं।

प्रेमानंद जी के अनुसार बच्चों की दिनचर्या में ये बातें शामिल होनी चाहिए। अगर आप इनको बच्चों से करवाते हैं तो इसके काफी लाभ होंगे। आइए जानते हैं बच्चों की डेली रूटीन कैसी होनी चाहिए?

ब्रह्म मुहूर्त में उठना

Premanand Ji Maharaj का मानना है कि बच्चों को ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे के आसपास) में उठना चाहिए। इस समय प्रकृति शांत होती है और बच्चे मन लगाकर पढ़ाई और अन्य गतिविधियाँ कर सकते हैं।

उठने के बाद रात का रखा हुआ पानी पियें और थोड़ी देर के लिए टहलें। फिर स्नान करने के बाद कुछ समय योगासन और प्राणायाम करें। बच्चे को सूर्य नमस्कार और अनुलोम-विलोम करवाया जा सकता है।

इसके बाद बच्चों को पढ़ाई के लिए बैठाना चाहिए और जो पहले पढ़ाया गया है उसका रिविजन करना चाहिए। इस समय वातावरण बहुत शांत और शुद्ध होता है जिससे बच्चों को पढ़ाई अच्छी तरह से याद रहती है और उनकी एकाग्रता बढ़ती है।

बच्चों को पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए। उन्हें अपनी पढ़ाई में मन लगाकर करना चाहिए।

धार्मिक क्रियाएं

Premanand Ji Maharaj का कहना है कि बच्चों को रोजाना पूजा-पाठ करना चाहिए। इससे उनमें आध्यात्मिक विकास होता है और मन शांत रहता है। बच्चों को रोजाना योग और व्यायाम करना चाहिए। इससे उनका शारीरिक विकास होता है और वे बीमारियों से दूर रहते हैं। बच्चों को अपने माता-पिता के साथ समय बिताना चाहिए।

रात को कितने बजे सोना चाहिए?

Premanand Ji Maharaj का मानना है कि रात्रि में 10 बजे बच्चों को सोने के लिए सबसे उपयुक्त समय है। सोने से पहले भगवान का नाम लेने से मानसिक शांति मिलती है। प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार रात्रि में भगवान का नाम लेकर सोने से बच्चों को अच्छे सपने आते हैं और उनका मन शांत रहता है।

अच्छी संगति

बच्चों को अच्छे लोगों की संगति में रहना चाहिए। बच्चों को खेल-कूद के लिए भी समय देना चाहिए। इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास होता है। बच्चों को छोटी-छोटी उम्र से ही समाज सेवा के लिए प्रेरित करना चाहिए।

व्यवस्थित दिनचर्या के फायदे

बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है। वे अनुशासित और मेहनती बनते हैं। उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है। वे अच्छे नागरिक बनते हैं। बच्चों को पिज्जा, सैंडविच, चाउमीन जैसी चीजें नहीं खिलानी चाहिए। ऐसे भोजन आंतों को कमजोर करते हैं और बुद्धि भी खराब करते हैं। इसलिए बच्चों के आहार में घर की पौष्टिक चीजें को ही शामिल करें।

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