Premanand Ji Maharaj on winter bath: इस समय कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। ऐसे में ठंडे पानी से नहाने के बारे में सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हां अगर गर्म पानी से नहाने की बात हो तो नहाने में कोई परहेज नहीं है। सर्दियों में इंसान को गर्म पानी से नहाना चाहिए या ठंडे से। इस पर प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) ने क्या कहा इस बारे में आज हम आपको इस लेख में बताएंगे। साथ ही बताएंगे कि नहाते वक्त सबसे पहले शरीर के किस अंग पर पानी डालना चाहिए।
ठंडे पानी से ही नहाएं : Premanand Ji Maharaj
Premanand Ji Maharaj कहते हैं कि इंसान को सर्दियों में भी ठंडे पानी से नहाना चाहिए। ठंडे पानी से नहाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। ठंडे पानी का इस्तेमाल करने से शरीर में ताजगी आने के साथ कई अनगिनत फायदे मिलते हैं।
इससे आपको ठंड भी कम लगती है और बीमार पड़ने का खतरा भी न के बराबर रहता है। एक फायदा और है कि इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
नहाते वक्त नाभि पर पानी सबसे पहले डालें
Premanand Ji Maharaj के अनुसार, नहाते समय सबसे पहले नाभि पर पानी डालना चाहिए। आयुर्वेद और योग में शरीर को ऊर्जा के केंद्रों (चक्रों) के रूप में देखा जाता है। कई लोग मानते हैं कि सबसे पहले नाभि पर पानी डालने से शरीर के ऊर्जा संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है।
नाभि को शरीर का केंद्र माना जाता है और यह माना जाता है कि यहां पानी डालने से शरीर और मन दोनों शांत होते हैं। इसके पीछे एक शास्त्रीय मान्यता है।
ऐसा करने से शरीर में ऊर्जा का संतुलन बने रहने के साथ सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जो लोग ब्रह्मचर्य जीवन का निर्वहन करते हैं, उन्हें यह जरूर करना चाहिए।
धार्मिक मान्यताएं क्या कहती हैं
Premanand Ji Maharaj: हिंदू धर्म में भी स्नान के दौरान नाभि पर सबसे पहले पानी डालने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि यह शुद्धता और पवित्रता लाता है। आधुनिक दृष्टिकोण से देखें तो शरीर के किसी भी हिस्से पर पहले पानी डालने से कोई विशेष फायदा या नुकसान नहीं होता है।
आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी हिस्से से स्नान शुरू कर सकते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि सबसे पहले पैरों पर पानी डालना चाहिए क्योंकि पैरों में सबसे अधिक गंदगी जमा होती है। हालांकि, इसके लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
मिट्टी का प्रयोग करें
Premanand Ji Maharaj बताते हैं कि इंसान को नहाते समय सोडा या साबुन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इन चीजों का निर्माण रासायनकि तत्वों से होता है, जो कि शरीर के नुकसान पहुंचा सकते हैं। महाराज जी कहते हैं कि शरीर में गंदगी तेल लगाने से चिपकती है।
जो नहाते समय आसानी से साफ नहीं होती है। ऐसे में लोगों को नहाते समय मिट्टी लगाना चाहिए। मिट्टी का इस्तेमाल कर के शरीर पर चिपकी गंदगी को आसानी से साफ किया जा सकता है।
स्नान का सर्वश्रेष्ठ समय
Premanand Ji Maharaj: स्नान करने का सही समय हमेशा से ही एक चर्चा का विषय रहा है। अलग-अलग संस्कृतियों, धर्मों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, दिन के अलग-अलग समय में स्नान करने के अलग-अलग फायदे होते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद के अनुसार, सुबह का समय स्नान के लिए सबसे अनुकूल होता है। विशेषकर सूर्योदय से पहले या व्यायाम के बाद स्नान करने से शरीर में ताजगी आती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
अलग-अलग धर्मों में स्नान के समय को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। उदाहरण के लिए, हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 5 बजे) को स्नान के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है।
Premanand Ji Maharaj के अनुसार सुबह का स्नान शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। व्यायाम के बाद स्नान करने से मांसपेशियों में दर्द कम होता है और शरीर को आराम मिलता है।
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