Sheetala Saptami 2025 Vrat Katha: हिंदू धर्म में माता शीतला को रोगों से मुक्ति दिलाने वाली देवी माना जाता है। साल में दो खास दिन – शीतला सप्तमी (Sheetala Saptami 2025) और शीतला अष्टमी – माता की पूजा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। मान्यता है कि इन दिनों विधि-विधान से माता शीतला की आराधना करने से चेचक जैसे गंभीर रोगों से छुटकारा मिलता है। आज शीतला सप्तमी के मौके पर आइए जानते हैं इस दिन की खास व्रत कथा, जो श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणादायक है।
Sheetala Saptami 2025 व्रत कथा: एक प्रेरक प्रसंग
पुराणों में एक रोचक कथा मिलती है। किसी राज्य में एक राजा का इकलौता बेटा चेचक की चपेट में आ गया था। उसी राज्य में एक गरीब काछी परिवार का बेटा भी इसी बीमारी से जूझ रहा था। काछी परिवार बेहद साधनहीन था, लेकिन मां भगवती के प्रति उनकी श्रद्धा अटूट थी। बीमारी के दौरान भी वे पूजा-पाठ और नियमों का सख्ती से पालन करते थे। उनके घर में नमक का इस्तेमाल बंद था, सब्जियों में छौंक नहीं लगाया जाता था, और भुना-तला खाना भी नहीं खाया जाता था। गर्म चीजों से भी वे दूरी बनाए रखते थे। इन नियमों के पालन से काछी का बेटा जल्द ही स्वस्थ हो गया।
वहीं, राजा ने माता भगवती के मंदिर में शतचंडी पाठ और हवन शुरू करवाए। रोज बलिदान होते थे, लेकिन राजमहल में चेचक के बावजूद गर्म और स्वादिष्ट पकवान बनते रहे। इन पकवानों की खुशबू से राजकुमार का मन डोल जाता और वह खाने की जिद करता। इससे माता शीतला का प्रकोप कम होने की बजाय बढ़ गया। राजकुमार के शरीर पर बड़े-बड़े फोड़े निकल आए, जिनमें खुजली और जलन बढ़ती गई।
Sheetala Saptami 2025: एक दिन राजा के गुप्तचरों ने खबर दी कि काछी का बेटा, जिसे भी चेचक हुई थी, अब पूरी तरह ठीक हो गया है। यह सुनकर राजा हैरान रह गए। उन्होंने सोचा, “मैं इतनी भक्ति कर रहा हूं, फिर भी मेरा बेटा बीमार है, जबकि काछी का बेटा बिना बड़ी पूजा के ठीक हो गया।” तभी एक रात माता भगवती सफेद वस्त्रों में राजा के सपने में आईं और बोलीं, “राजन! तुम्हारी सेवा से मैं खुश हूं, इसलिए तुम्हारा बेटा अभी तक जीवित है। लेकिन वह ठीक नहीं हो रहा, क्योंकि तुमने शीतला के नियमों का पालन नहीं किया। इस दौरान नमक बंद करो, बिना छौंक की सब्जियां खाओ, क्योंकि छौंक की गंध से रोगी का मन ललचाता है। साथ ही, रोगी को दूसरों से मिलने-जुलने से रोकें, वरना संक्रमण फैल सकता है। इन नियमों का पालन करो, तो तुम्हारा बेटा जरूर स्वस्थ होगा।”
Sheetala Saptami 2025: सपने से जागते ही राजा ने माता की आज्ञा मानी और सभी नियम लागू कर दिए। जल्द ही उनके बेटे की सेहत में सुधार होने लगा। इस तरह माता शीतला की पूजा और व्रत कथा से न सिर्फ पुण्य मिलता है, बल्कि जीवन के कष्ट भी दूर होते हैं।