Vinayaka Chaturthi: विनायक चतुर्थी 2025 करें गणपति की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और विधि
Vinayaka Chaturthi: विनायक चतुर्थी 2025 करें गणपति की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और विधि
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Vinayaka Chaturthi Vrat kab hai Date puja vidhi and Significanceहिंदू धर्म में भगवान गणेश की भक्ति का हर दिन खास होता है, लेकिन जब बात विनायक चतुर्थी की हो, तो यह मौका और भी शुभ बन जाता है। कल यानी 1 अप्रैल 2025 को चैत्र माह की विनायक चतुर्थी है, जो गणपति के आशीर्वाद से जीवन की हर बाधा को दूर करने का वादा करती है। क्या आप जानना चाहते हैं कि इस दिन पूजा का सही समय और तरीका क्या है? आइए, इस पावन दिन की हर जरूरी बात को आसान और रोचक अंदाज में समझते हैं, ताकि आप भी गणेश जी की कृपा पा सकें।

Vinayaka Chaturthi: हर महीने का खास दिन

विनायक चतुर्थी हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है और इसे मासिक गणेश पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जो बुद्धि, समृद्धि और सफलता के देवता माने जाते हैं। चाहे आप करियर में तरक्की चाहते हों, व्यापार में नई शुरुआत करने की सोच रहे हों या जीवन से संकट हटाना चाहते हों, इस दिन की पूजा आपके लिए खास हो सकती है। गणेश चतुर्थी से अलग, जो भाद्रपद में उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है, विनायक चतुर्थी हर महीने गणपति की आराधना का मौका देती है।

कब है विनायक चतुर्थी 2025?

चैत्र माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी 1 अप्रैल को सुबह 5:42 बजे शुरू होगी और 2 अप्रैल को देर रात 2:32 बजे खत्म होगी। इसलिए व्रत और पूजा का मुख्य दिन 1 अप्रैल रहेगा। इस दिन सही मुहूर्त में पूजा करने से गणेश जी का आशीर्वाद कई गुना बढ़ जाता है। तो, अपने कैलेंडर पर निशान लगा लें और इस खास दिन की तैयारी शुरू कर दें।

शुभ मुहूर्त: पूजा का सही समय

1 अप्रैल को पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:39 से 5:25 तक रहेगा—यह समय ध्यान और पूजा के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। दोपहर में विजय मुहूर्त 2:10 से 3:20 तक रहेगा, जो नए काम शुरू करने के लिए शानदार है। शाम को गोधूलि मुहूर्त 6:38 से 7:01 तक और रात में निशिता मुहूर्त 12:01 से 12:48 तक रहेगा। इन समयों में पूजा करने से गणपति की कृपा आपके साथ होगी।

पूजा विधि: गणेश जी को करें प्रसन्न

विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठें, नहाकर साफ कपड़े पहनें और पूजा की जगह को सजा लें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर रखें। फूल, फल, धूप, दीप और मोदक या लड्डू तैयार करें। सबसे पहले गणेश जी को जल से स्नान कराएं, फिर पंचामृत और शुद्ध पानी से अभिषेक करें। उन्हें चंदन, रोली और फूलों से सजाएं, जनेऊ पहनाएं और भोग लगाएं। अंत में आरती करें और अपनी मनोकामनाएं उनके सामने रखें। यह आसान विधि आपके दिन को खास बना देगी।

क्यों खास है विनायक चतुर्थी?

यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि गणेश जी की पूजा से जीवन की हर मुश्किल आसान हो जाती है। व्रत और भक्ति से न सिर्फ बुद्धि और ज्ञान मिलता है, बल्कि सुख-समृद्धि भी घर में आती है। यह उन लोगों के लिए भी खास है, जो नई शुरुआत की उम्मीद रखते हैं। तो, इस विनायक चतुर्थी पर गणपति को याद करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को रोशन करें।