Mantras for a Happy Life: हम सभी अक्सर इस बात से परेशान होते हैं कि हमारे पास वो नहीं है जो दूसरों के पास है। इसी लालसा में हम सभी भागते रहते हैं। पूरी जिंदगी इसी भाग दौड़ में निकल जाती है कि हमें कुछ हासिल करना है। लेकिन जिसे हमें हासिल करना चाहिए उसके बारे में नहीं सोचते। आखिर सुखी जीवन का क्या मंत्र है? क्या भौतिक सुख सुविधाओं से हमारा मन शांत हो सकता है? इसका उत्तर भले ही आपके पास न हो, लेकिन इस पर हम आज विचार करेंगे कि हम कैसे सुखी हो सकते हैं।
Mantras for a Happy Life भौतिक सुखों से परे की दुनिया
आपने महसूस किया होगा कि जब हमें भूख लगती है तो हमारा मन अपने आप स्वादिष्ट भोजन के बारे में विचार करने लगता है। इसके बाद इसे पाने की चाहत होती है ताकि भूख शांत हो। कुछ ऐसा ही हमारे मन और शरीर के साथ है।
हम सारी जिंदगी इस बात पर व्यर्थ कर देते हैं कि दूसरों के पास जो है वह हमारे पास होना चाहिए। जबकि हमें इसका उलटा सोचना चाहिए। हमारे पास जो है वह दूसरों के पास नहीं है। वह दूसरों से उत्तम है। इसमें हमारी संतुष्टि होनी चाहिए।
भौतिक सुखों की लालसा में हमारा मन हमेशा अशांत रहता है। और उसकी चाहत में मन और शरीर होना परेशान होते हैं। इसे हम इस तरह भी देख सकते हैं कि हम आखिर किसी चाहत में भाग रहे हैं। क्या हमें ईश्वर ने वह सब नहीं दिया जो हमें चाहिए था?
ईश्वर का हमेशा धन्यवाद करें
ईश्वर ने हम सभी को पर्याप्त अवसर प्रदान किए हैं। जब हमारी इच्छा पूरी हो जाती है तो हम ईश्वर का धन्यवाद तो करते हैं। साथ ही अपनी और भी डिमांड आगे कर देते हैं। क्या वास्तव में यही होना चाहिए। क्या हमें हमेशा ईश्वर से मांगते रहना चाहिए। हमें इस बात पर विचार करना होगा कि हमने क्या मांगा और उसका सामाजिक सरोकार क्या है। ईश्वर एक साधन मात्र हैं। मांगने की अपेक्षा हमें देने की इच्छा रखनी चाहिए।
दूसरों को देने का सुख
यह विचार ऐसा है कि अगर सभी इस पर अमल करने लग जाएं तो वास्तव में दुनिया का रूप और तासीर बदल जाए। हम हमेशा अपने लिए, अपने परिजनों आदि के लिए कुछ न कुछ मांगते रहते हैं। और ये उम्मीद भी करते हैं कि हमारी इच्छा तत्काल प्रभाव से पूरी हो जाए। लेकिन हम इस विचार पर ध्यान नहीं देते कि ईश्वर का एक नियम ये भी है जिसे दूसरों को देने का सुख है वह संसार में किसी वस्तुु में नहीं है।
हम आखिर क्या खोज रहे हैं
अगर आप साधन संपन्न हैं और दूसरों की मदद करने में विश्वास रखते हैं तो आपका मन हमेशा शांत रहेगा। अगर आप ये सोचेंगे कि दूसरों ने हमारे लिए क्या किया जो हम उनके लिए करें तो इस विचार के दिमाग में आते ही आप परेशान हो जाएंगे। इसका एक ही उपाय है कि आप अपनी पूरी जिंदगी की इतिहास में जाएं तो विचार करें कि आपने दूसरों के लिए क्या किया। इससे आपको पता चल जाएगा कि आप क्या खोज रहे हैं। आपका मन शांत हो जाएगा और आप खुद को ईश्वर के करीब पाएंगे।
आखिर में हमें इस बात पर भी सोचाना होगा कि हमने अपने पूरे जीवन काल में क्या अच्छे और बुरे कर्म किए हैं। इसका आंकलन करना भी जरूरी है। इससे हम अपने लिए एक लिस्ट बना सकेंगे जिससे पता चलेगा कि हम कहां खड़े हैं।
इसका एक फायदा ये भी होगा कि हम दूसरों से नजरें बचाने की बजाए मिला सकेंगे। साथ ही यह भी संभव हो सकेगा कि हमारा मन और दिमाग पूरी तरह से शांत है। इस आंकलन के बाद आप खुद महसूस करेंगे कि आपने जो किया क्या वह सही था?