Mahadev and glory of Mahakumbh: डॉ दिलीप अग्निहोत्री: समुद्र मंथन में अमृत और विष दोनों प्रस्फुटित हुए थे। अमृत की बूंदे जहां गिरी,वहां कुंभ के आयोजन होने लगे। सृष्टि के कल्याण हेतु विष को भगवान महादेव (Mahadev) ने अपने कंठ में धारण किया। वह नीलकंठ रूप में भी आराध्य हो गए। Mahadev की महाशिवरात्रि पर […]